India China Economic shutdown

भारत और चीन 2 प्रतियोगी राष्ट्र हैं चीन भारत से काफी आगे हैं एक समय होता था जब भारत और चीन की जीडीपी सेम होती थी अब समय बदल गया है चीन की इकोनामी भारत से 5 गुना बड़ी है और वह विश्व की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था है।

कुछ दिनों से मार्केट में यह बात फैलाई जा रही है किस चाइनीस समान का बायकाट करें यह संभव नहीं है क्योंकि ऐसा करना बहुत ही मुश्किल है हम ऐसा मानकर चलते हैं कि कोई हमें ₹5 में जूते दे रहा है और वही दूसरे दुकानदार हमें ₹20 में जूता दे रहा है तब हम सस्ते सामान वाले को ही पसंद करते हैं क्योंकि भारत में 70% से ज्यादा मध्यमवर्ग रहता है।

दोस्तों ऐसा करने के लिए हमें अपने आप खड़ा होना होगा यह सोचेंगे कि कोई दूसरा आकर करेगा यह सबसे बड़ी बेवकूफी है ऐसा कुछ भी नहीं होगा हां होगा जरूर पर उसके लिए समय लगेगा पर आप हमारे जनता को बेवकूफ नहीं बना सकते।

भारत को अपने प्राइवेट सेक्टर की ओर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहिए और मजदूरों के हितों का भी ध्यान रखना चाहिए भारत में विकास कार्यों में पर्यावरणविद और समाजसेवी देश के विकास में बाधा डालते हैं आप उदाहरण के लिए तमिलनाडु के कॉपर प्लांट को ले सकते हैं जब कॉपर प्लांट बंद हुआ उसमें भारत पूरी दुनिया में कॉपर को आया था हमारी हालत यह हो गई है कॉपर का निर्यात करते हैं।

दोस्तों आप सभी से यही कहना चाहता हूं आप इसमें जिस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में पढ़ रहे हैं वह भी चाइनीस की है क्योंकि भारत में कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है और भारतीय कंपनियां काफी महंगे दाम पर अपने प्रोडक्ट भेजती थी इसलिए वह बंद हो गई।

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